Sunday 31 December 2017

Possibilities In Adversities



 
बह्मांड में हमारे लिए कई योजनाएँ हैं | यह सच है कि कभी – कभी हमारी उम्मीदों का स्तर तथा हमारी दूरदर्शिता उतनी प्रखर नहीं हो पाती, जितनी प्रकृति की होती है | स्मरण रखिए, प्रकृति के नियम कभी हानिकारक नहीं हो सकते हैं |

कम से कम कुछ पाठकों ने यह अनुभव किया होगा कि प्रकृति ने उन्हें अतीत में कैसे भारी नुकसान तथा खतरों की संभावनाओं से बचाया होगा | कहीं विलंबता के कारण, तो कहीं नकारने से, तथा कई अस्वीकृतियों ने उन्हें भविष्य में लाभ दिलाया होगा |

हर कार्य के होने के पीछे कोई न कोई वजह ज़रूर होती है |

प्रकृति के पास हमारे प्रयासों को पुरस्कृत करने का अपना ही तरीका है, जो आम आदमी को प्रत्यक्ष दिखाई नहीं देता है | हमें तब निराश नहीं होना चाहिए, जब परिणामों में विलंब हो जाता है अथवा परिणाम उम्मीद से अलग हो जाते हैं |

हम केवल अपने प्रयासों में ही नियंत्रण कर सकते हैं, परिणामों में नहीं | अपना सर्वोत्तम प्रयास करने से न चुकें अन्यथा यह आपको विफलता का हकदार बना देगा |

एक कहावत है, जो खुद की मदद करता है, ईश्वर उसी की मदद करता है |

कठिन परिस्थितियाँ, सफलता चाहने वालों को वैकल्पिक साधक बना देते हैं |

ये सफलता चाहने वालों को मेहनती बनाते हैं | ये उन्हें कठिनाइयों में भी कई संभावनाएँ दर्शाते हैं | ये उन्हें अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर ले जाते हैं, जहाँ नवाचार शायद ही मौजूद हो | इससे उन्हें अनुयायियों के नेताओं के रूप में उत्थान मिलता है | 

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